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Arthroscopic Surgery

Arthroscopic Surgery

आर्थेस्कोपी एक अत्याधुनिक आपरेशन की तकनीक है जिसमें आर्थोस्कोपिक सर्जन, एक पेंसिल के आकार के औजार (आर्थोस्कोप) को एक सूक्ष्म छिद्र के बराबर चीरे (र्पोटल) से जोड़ (घुटना या कन्धा) के अन्दर डालता है। तथा इसे वीडियों कैमरे से संयुक्त कर टीवी या मॉनीटर पर जोड़ कर अन्दर की बीमारी का पता लगाता है और उसका इलाज करता है। इसे आम भाषा में दुरबीन का ऑपरेशन भी कहा जाता है। चूंकि यह एक अत्याधुनिक तकनीक है इसलिए बहुत कम जगह पर यह सुविधा उपलब्ध है। डा० तरून सोलंकी द्वारा (जो कि इस तकनीक में विधिवत प्रशिक्षित है) द्वारा आर्थोस्कोपी से होने वाले ऑपरेशन सफलतापूर्वक उत्तराखण्ड के काशीपुर क्षेत्र में किये जा रहे है।

■ घुटने के लिंगामेंट का टूटना (ACL/PCL)

■कंधे का बार-बार उतरना (Bankart’s Lesion)

■कंधे की मांसपेशियों का फटना (Rotator Culf)

घुटने के लिगामेंट का टूटना (ACL/PCL)

ACL (Anterior Cruciate Ligament) और PCL (Posterior Cruciate Ligament) घुटने के प्रमुख लिगामेंट्स हैं जो स्थिरता प्रदान करते हैं। इनका टूटना गंभीर चोट मानी जाती है और निम्नलिखित कारणों से हो सकता है:

  1. अचानक घुटने का मुड़ना या झटका लगना
  2.  खेलते समय गिरना या टकराना

कंधे की समस्याएँ

  1. कंधे का बार-बार उतरना (Bankart’s Lesion):
    • यह कंधे की जोड़ में अस्थिरता का कारण बनता है।
    • सामान्यतः यह चोट या आघात के बाद होता है।
    • सर्जरी और फिजियोथेरेपी द्वारा उपचार किया जा सकता है।
  2. कंधे की मांसपेशियों का फटना (Rotator Cuff):
    • कंधे की मांसपेशियों का फटना या क्षति, जो उठाने और घुमाने में समस्या पैदा करती है।
    • फिजियोथेरेपी और सर्जरी द्वारा उपचार किया जा सकता है
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    • सवाल/जवाब

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    • सवाल: किन जोड़ो में आर्थोस्कोपी की जाती है?
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    • जबाव आर्थोस्कोपी घुटने, कन्धे, टखने, कोहनी, कुल्हे और कलाई के लिए करी जाती है।

      सवाल : घुटने की आर्थोस्कोपी किस तरह की चोटो में की जाती है।

    • आमतौर पर घुटने की गददी (मेनिस्कस) फटती है या घुटने के अंदर के लिगामेंट टूटते है (ACL/PCL) जबाव घुटने में अमूमन यह दिक्कत 20 से 40 वर्ष की आयु के लड़कों में खेलने के दौरान या चोट लगने से होती है। इसलिए ‘इस इकाई को स्पोर्टस इंजरी भी कहा जाता है। इसकी वजह से घुटने में सूजन, दर्द लचीलापन और चलते खेलते या दौड़ते समय लड़खड़ाहट होती है, और इसकी मरम्मत न करने से जल्दी गठिया होने का खतरा होता है। अतः इसकी दुरबीन विधि द्वारा मरम्मत करना जरूरी है।

    • ■सवालः कन्धे की आर्थोस्कोपी की जरूरत कब पड़ती है।

      जबाबः उन लोगों को जिनके कन्धे में दर्द, अकड़न, सूजन, लचीलापन या कन्धा बार-बार उतरने की शिकायत होती है। यह अमूमन कम उम्र के लोगों में पाया जाता है (15 से 45 वर्ष) इसमें कन्धे में लैबरम नामक हिस्सा फटता है जिसमें कि दर्द होता है एवं कन्धा बार-बार उतरता है अतः इसकी मरम्मत करना जरूरी होती है।

      दूसरी स्थिति में रोटेटर कफ नाम की मांसपेशिया कमजोर या फट जाती है। जिसकी वजह से कन्धे कमजोर हो जाते है एवं दर्द होता है। यह या तो कम उम्र के लोगों में चोट लगने की वजह से होता है या बड़ी उम्र के लोगों में क्षय (डी जनरेशन) की वजह से हो जाता है अतः इसकी मरम्मत करना भी जरूरी है।

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कंधे का बार-बार उतरना एवं Rotator Cuff Tear , आईये जानें

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